नमस्कार ,
नव नामानि स्वर्गस्य
स्वरव्ययम स्वर्ग-नाक-त्रिदिव-त्रिदशालया :।
सुरलोको घो -दीवौ द्वे स्त्रियाँ ल्फ़िबे त्रिविष्टपम
नरेंद्र वाला
[विक्की राणा]
‘सत्य की शोध’
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