नमस्कार,
अष्टचत्वारिन्शच्छ्म्भो:
1-शंभू , 2-ईश, 3-पशुपति , 4-शिव , 5-शूलीन
6-महेश्वर, 7-ईश्वर , 8-शर्व , 9-ईशान , 10-शंकर
11-चन्द्रशेखर , 12-भूतेश , 13-खण्डपरशु ,
14-गिरीश,15-गिरीश , 16-मृड , 17-मृत्युंजय ,
18-कृतिवासस, 19-पिनाकीन, 20-प्रमथाधिप ,
21-उग्र, 22-कपर्दिन, 23-श्रीकण्ठ, 24-शितिकण्ठ,
25-कपालभृत, 26-वामदेव, 27-महादेव,
28-वीरूपाद्त, 29-त्रिलोचन , 30-कृशानुरेतस,
31-सर्वज्ञ , 32-धुर्जटि, 33-नीललोहित , 34-हर ,
35-स्मरहर, 36-भर्ग , 37-त्रयम्बक , 38-त्रिपुरांतक ,
39-गड्गाधर, 40-अंधकरिपु, 41-क्रतुध्वंसीन ,
42-वृषध्वज , 43-व्योमकेश44-भव, 45-भीम ,
46-स्थाणु , 47-रुद्र ,48-उमापति
आपकी सेवा मे रखे हुए शिवजी के सत्य 48 नाम का प्रमाण श्रीमदमरसिंहप्रणीत: “अमरकोश: से प्रमाण मिलता है |
ॐ नमः शिवाय
नरेंद्र वाला
[विक्की राणा]
‘सत्य की शोध’