तू कही आसपास है | पद्मश्री महम्मद रफ़ी स्वरांजली 31 जुलाई का “रफ़ीनामा”
नमस्कार , ‘रफ़ी’ साहब आज भी उनकी आवाज़ के जरिये हमारे बीच ही है | ‘महम्मद रफ़ी’ एक फ़नकार ही नहीं है , एक नाम ही नहीं है , एक ऐसा नाम एक ऐसे फनकार जिनकी बरोबरी आज भी कोई नहीं कर शकता है | ‘रफ़ी’ साहब उस......