अर्जुन [सहष्त्रार्जुन] वध का ‘सत्यनामा’ श्री ब्रह्मांडपुराण अध्याय 40 ||
नमस्कार, श्री कार्तवीर्य अर्जुन (संस्कृत: अर्जुन), सहस्रबाहु अर्जुन या श्री सहस्रार्जुन के रूप में भी जाने जाते है, पुराणों के अनुसार वो भगवान विष्णु के मानस प्रपुत्र तथा भगवान सुदर्शन का स्वयंअवतार है।[4][5] पुराणों के अनुसार, उन्होंने सात महाद्वीपों (कुछ ग्रंथों के अनुसार ब्रह्मांड) पर विजय प्राप्त की और अपनी राजधानी माहिष्मती से 85 हजार वर्षों तक शासन किया।[6][7][8] उनके अधिकृत......